तेरे बिना तन्हा ही गुजर जायेगा ये साल भी जेसे आँखे नम करते करते काट दिया हमने बीता हुआ साल ,बस साथ रहेगी तो सिर्फ तेरी परझाई जो बीते हुए साल मे भी मेरी थी और आने वाले साल मे भी मेरी रहेगी . बीते हुए साल मई जितनी बार इस दुनिया के लोगो ने ख़ुशी महसूस की होगी उससे कई ज्यादा बार मे ने हर दिन हर समय हर कदम पर तेरी कमी महसूस की होगी .अब तो कोई चाहत नही रही , जो खुदा से उसे पाने के लिये इबादत करू ,जब उसने मेरे चाहत ही छीन ली तो अब चाहत क्या पूरी करेगा .अब तो बस तेरे उस फेसले को गलत सिध्द करके दिखाना है ,शायद ये नए साल की हवा मुझे अपनी मंजिल की तरफ और आगे बड़ा दे पर फिर सोचता ही की मंजिल पर पंहुच कर जितनी
ज्यादा ख़ुशी नही होगी उससे ज्यादा दुख तेरे नाम आँखों का होगा .सोचा हूँ ,मैंने रेत की तरह तुम्हे अपने इन हाथो से फिसल जाने दिया पर फिर सोचता हू क्या करता मे उस रेत का जो मेरे सपनो के घरो को नही बना सकती .
तुझे ना पा सकना का दुख तो है पर उससे ज्यादा इस बात की ख़ुशी है ,की मे ने सच्चे प्यार को महसूस किया ,और इंतज़ार को उसकी लास्ट लिमिट तक महसूस किया .
"तेरे बिना तन्हा गुजर जायेगा ये साल ,जेसे गुजार दिया हमने बीता हुआ साल."
:-आदित्य