अब तो बस दुआ ही कर सकता हु तुझे पाने की ,
दुनिया समझ गयी पर तूने एक बार भी न सुने आह मेरे प्यार की ।
इतना महसूस किया तुझे की राहे भीग गयी हर एक शाम की ,
शबाब ने भी साथ न दिया क्यों की रात होती है है हर एक शाम की ।
आँखे अकसूर से भरी है और राहे गुलाम है राजसात की ।
एतवार तो इतना किया तूने की हकीकत दिख गयी आज के प्यार की ,