NO ; SHE IS MINE

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Tuesday, November 20, 2012

कितनी बार गिरा संभला और फिर पिया

 

सोचा था तेरे प्यार की बारिश हो जाएगी मुझ पर
बंजर जिन्दगी हरी हो जाएगी तेरी हर मुश्कान पर
पर मै भी कहा रेगिस्तान को गुलिश्तां बनाने चला था
एक पत्थर दिल को प्यार सिखाने चला था
टूट कर बिखिर गया कांच के टुकड़ो की तरह
फिर भी हर टुकड़े मई चेहरा था बिलकुल तेरी तरह
हर पल खुद को भूल कर तेरे बिना तेरे अहसास के साथ जिया
कितनी बार गिरा संभला और फिर पिया ,और तेरे बिना,सिर्फ तेरे लिए ही जिया ... ♥

©(copyright certificate by the god of love)

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